04- 06- 22धारावाहिक मकाफात - ए - अमल episode 13
जुनेद अब बता भी दे भाई क्या खुशखबरी है कब तक सस्पेंस में रखेगा । तबरेज ने कहा
"बताता हूँ बताता हूँ चल पहले घर चलते है तेरे फिर सब का मुँह मीठा कराकर खुशखबरी सुनाऊंगा " जुनेद ने कहा
"चल अच्छा तेरी ये जिद है तो घर चल वही बता देना, आज तेरे चेहरे पर ख़ुशी देख कर बेहद ख़ुशी हो रही है मुझे, ज़रूर कोई अच्छी खबर होगी " तबरेज ने कहा
"हाँ भाई ऐसा ही कुछ है , वैसे तेरे चेहरे पर भी मुझे एक अलग सी ख़ुशी नज़र आ रही है । क्या हुआ, ये केसी कशिश है तेरे चेहरे पर ," जुनेद ने पूछा उसका चेहरा छूते हुए
"म,,, म,,,, मेरे चेहरे पर कशिश नही यार बस ऐसे ही तुझे खुश देख कर मेरा चेहरा भी खिल आया ऐसी कोई बात नही " तबरेज ने बात छिपाते हुए कहा
"कुछ तो हुआ है तुझे , ज़रूर कोई बात है जो तू मुझसे छिपा रहा है , लेकिन कोई बात नही मैं भी तेरा लंगोटिया यार हूँ वजह जान कर ही रहूंगा इस मंद मंद मुस्कुराहट के पीछे की, कही वो लड़की तो दोबारा नही दिखी तुझे " जुनेद ने पूछा
"छोड़ ना यार, देख घर आ गया पहले तु अपनी ख़ुशी का राज बता बाद को मेरे चेहरे को पढ़ना। चल अब अंदर चल " तबरेज ने कहा और जुनेद को लेकर घर में दाखिल होता है दोनों सलाम करते है ।
"भाई अब बता भी दे कौन सी ऐसी बात है जो तु इतना खुश है " जुनेद ने पूछा
"क्या हुआ बेटा सब ठीक तो है ? फरिया भाई के लिए पानी तो लाओ " तबरेज की अम्मी ने जुनेद से पूछा और फरिया को पानी लाने को कहा
"नही खाला परेशानी की कोई बात नही ये लीजिये मिठाई खाइये ये सब आपकी दुआओ का नतीजा है जो इस बार राबिया की शादी तय हो गयी जो की इसी महीने की आख़री तारीख़ में है " जुनेद ने मिठाई खिलाते हुए कहा।
सच ये तो बहुत ही अच्छी खबर सुनाई तुमने मैं अभी जाकर दो नफ़िल शुकराने के पढ़ती हूँ ( जब कभी कोई अच्छी खबर मिलती है तब उस समय खुदा का शुक्र अदा करने के लिए किए जाने वाले सजदे )तबरेज की अम्मी ने जुनेद को गले से लगाते हुए कहा।
ये तो बहुत ही अच्छी खबर सुनाई तुमने मेरे भाई , देखा मैं कहता था उसके घर देर है पर अंधेर नही वो सब की दुआएं सुनता है लेकिन एक अच्छे और सही समय आने पर । इसलिए उससे कभी भी ना उम्मीद नही होना चाहिए । वो अपने बंदे से बहुत प्यार करता है और इसलिए वो उसका इम्तिहान लेता रहता है । तबरेज कुछ और कहता तभी जुनेद बोल उठा
हाँ, भाई सही कहा तुमने, हम लोग बेवजह बहन की शादी ना होने की वजह से परेशान थे । और अब देखो चंद रोज़ पहले रिश्ता आया और अब देखो शादी भी होने वाली है और वो अपने घर की हो जाएगी। चट मंगनी पट बियाह
"हाँ, बेटा बेटियां इज़्ज़त के साथ अपने घरों की हो जाए तब ही माँ बाप और भाइयो को सुकून आता है । बहुत बढ़ी ज़िम्मेदारी होती है बेटियां किसी और की अमानत की हिफाज़त करना उसकी इस तरह परवरिश करना ताकि वो दो घरों की लाज अपने छोटे छोटे कांधो पर उठा कर चल सके ।" वहा खड़ी तबरेज की अम्मी ने कहा
"जी खाला बस हमारी बहन भी इज़्ज़त के साथ अपने घर की हो जाए तो समझेंगे गंगा नहा ली हमने , वरना तो मोहल्ले वालो ने कान खा लिए थे हमारे कह कह कर की कब तक कुंवारी बैठा कर रखोगे अपनी बहन को उसकी उम्र निकली जा रही है बेवजह बोझ बन जाएगी कुछ साल बाद " जुनेद ने कहा
"ये दुनिया वाले भी ना इन्ही की वजह से लोग बेटियों को बोझ समझने लगते है , ये जाहिल लोग इतना नही समझते की जब जिसका नसीब उठना होगा उठ जाएगा और वो अपने घर की हो जाएगी।
पढ़ाते लिखाते है नही अपनी बेटियों को ताकि वो पेरो पर खड़ी हो सके और अपना बोझ खुद उठा सके और बाद मैं जब उनकी सही समय पर शादी नही होती तो उन्हें बोझ समझने लगते है जबकी उन्हें बोझ तो तुमने खुद बनाया अगर उन्हें भी पढ़ा लिखा कर कुछ बनाने के ख्वाब दिखाए होते ना की ये कह कर उनके सपने कुचल दिए जाते की पढ़ लिख कर तुम कोनसा कलेक्टर बन जाओगी करना तुम्हे चूल्हा चोखा ही है तो आज वो इस तरह बोझ ना होती तुम पर कुछ ना कुछ कर ही रही होती अपनी अजीविका चलाने के लिए और तुम्हारा भी पेट पाल सकती और रही बात शादी की तो जोडिया आसमान पर ही बन जाती है जो किसी को जल्दी तो किसी को देर से मिलती है ।" तबरेज की अम्मी ने कहा
"जी खाला आपने सही कहा" जुनेद ने कहा
"चलो अब छोड़ो दुनिया को सुधारने की बाते, ये तो ना सुधरी है और ना ही सुधरेगी दुनिया वाले किसी को भी चेन से जीने नही देते चलो अब खाना खाते है भूख लगी है" तबरेज ने कहा
"हाँ, हाँ चलो मैं अभी दुल्हन से कह कर खाना लगवाती हूँ " आमना ने कहा
"नही खाला खाना नही खाऊंगा अब बहुत काम है मेरे सर पर , कुछ ही दिन बचे है शादी को " जुनेद ने कहा
"कोई नही भाई , हम सब है ना मिलकर करवा लेंगे सब हो जाएगा चल तू बैठ कर हमारे साथ खाना खा बाकी बाते बाद को करेंगे " तबरेज ने कहा जुनेद ना चाहते हुए भी तबरेज के इतनी जिद्द करने पर खाना खाने बैठ जाता है ।
थोड़ी देर बाद वो दोनों घर से निकल जाते है तबरेज दुकान के लिए और जुनेद अपने घर जाने के लिए ।
ज़ोया जो की एग्जाम देने के बाद हम्माद के साथ बाइक पर घूम रही थी और हम्माद से बोली " जान छूट गयी मेरी पेपर से अब बस रिजल्ट अच्छा आ जाए तो जान छूटे मेरी इस पढ़ाई से "
आ जाएगा रिजल्ट भी अच्छा आ जाएगा तुम क्यू परेशान होती हो, चलो आइसक्रीम खाते है बहुत दिनों से नही खायी है साथ में तुम्हारे पेपर की वजह से। हम्माद ने कहा और दोनों आइसक्रीम खाने चले गए ।
"और हम्माद कही से कुछ जवाब आया एजेंसी से मॉडलिंग के लिए " जोया ने पूछा
हम्माद जो की आइसक्रीम खा रहा था जोया के अचानक इस तरह सवाल पूछने पर उसे फंदा लग गया जोया ने उसकी पीठ सेह लायी और अपनी बोतल में रखा पानी पिलाया और बोली "क्या हुआ, तुम ठीक तो हो "
"हाँ, हाँ ठीक हूँ बस अचानक फंदा लग गया आइसक्रीम खाते खाते अच्छा तो तुम क्या पूछ रही थी " हम्माद ने पूछा
"मैं पूछ रही थी कि कही कोई एजेंसी से जवाब आया जहाँ तुमने अपनी तस्वीरे भेजी थी या नही " जोया ने पूछा
हम्माद खामोश था और थोड़ी देर बाद बोला " हाँ, देखो आज कल में आ जाएगा, क्यू नही आएगा इतना खूबसूरत तो हूँ "
"ठीक हे, ठीक हे अब अपना मुँह मिया मिट्ठू बनने की कोई ज़रुरत नही, मैं जानती हूँ तुम कितने खूबसूरत हो, हम्माद इस काम को छोड़ कर दूसरा काम करने लगो ताकि मुझे मेरे घर से ब्याह कर ले जा सको ।
कभी कभी मुझे बहुत डर लगता हे जैसे की कोई मुझे तुमसे दूर करदेगा और तुम देखते के देखते रह जाओगे " जोया ने कहा
"अभी किसी में इतनी हिम्मत नही जो मेरी मोहब्बत को मुझसे दूर ले जा सके खून की नदिया बह जाएंगी पूरे मोहल्ले में " हम्माद ने कहा
"अब बस भी करो फ़िल्मी डायलॉग मारना चलो मुझे घर छोड़ दो थक गयी आज सुबह भी जल्दी उठ गयी थी एग्जाम की वजह से पता नही इस बार भी पास हो जाउंगी या नही। पता नही ये पढ़ाई मेरा पीछा कब छोड़ेगी " ज़ोया ने कहा
"छोड़ देगी बहुत जल्द छोड़ देगी जब तुम मेरी दुल्हन बन कर मेरे घर में आओगी तब तुम सिर्फ घर पर ही रहना और मेरा इंतज़ार करना और मेरे लिए तरह तरह के खाने बनाना" हम्माद ने कहा
"खाना और मैं कभी भी नही एक नौकरानी रखेंगे शादी के बाद वो ही घर के सारे काम करेगी मैं तो सिर्फ तैयार होकर आराम से बैठा करूंगी और तुम्हारे आने का इंतज़ार करा करूंगी " ज़ोया ने कहा
"ठीक हे , ठीक हे एक नौकरानी रख लेंगे चलो अब देर हो रही हे ।" हम्माद ने कहा और वो दोनों घर आ गए ।
तबरेज और अनुज दुकान पर काम कर रहे थे । साद अनुज को परेशान करने के लिए उससे कभी कुछ मंगा रहा था तो कभी कुछ। अनुज उस्ताद का बेटा होने की वजह से उसे इज़्ज़त दे रहा था ।
लेकिन साद उसे सिर्फ अपना नौकर समझ रहा था । तबरेज भी उसकी इस तरह की हरकतो को देख रहा था लेकिन कुछ बोला नही।
इसी तरह कुछ दिन गुज़र गए । जुनेद की बहन राबिया की शादी के दिन नजदीक आने लगे थे। तबरेज भी जुनेद के साथ व्यस्त था उसके घर के कामों में.
आसिफ जिसे तबरेज ने एक किराना खुलवा दिया था। जिसमे काफी पैसे लग गए थे उसके लेकिन उसे कोई परवाह नही थी उसका भाई अच्छे से दुकान संभाल रहा था ।
लेकिन अब मामू की दुकान में खटपट होने लगी थी । साद उन दोनों को तंग करने लगा था । वो अनुज को वहा से निकालने के लिए उस के साथ नौकरो जैसा व्यवहार करता और तू तड़ाक से बोलता।
एक दो बार तबरेज ने साद को डांटा जिसके बाद वो और उन दोनों का दुश्मन बन बैठा तबरेज ने अपने मामू को कुछ नही बताया वो अपने आप ही सब कुछ ठीक करना चाह रहा था ।
लेकिन वो गलत सोच में था की साद सुधर जाएगा बल्कि वो तो उन्हें निकालने के लिए ये सब कर रहा था और कोई अच्छा बहाना ढूंढ रहा था उन्हें निकालने का।
और एक दिन उसे वो बहाना मिल ही गया जिस बहाने को वो काफी दिन से ढूंढ रहा था हथ्यार बना कर उन दोनों की गर्दन पर चलाने के लिए और उन्हें अपने अब्बू की नज़रो में बदनाम करके निकालने के लिए ।
आखिर किस चीज को हथियार बना कर साद उन दोनों को निकालने की साज़िश रचेगा जानने के लिए पढ़ते रहिये हर सोमवार
Saba Rahman
06-Jul-2022 08:53 PM
Nice
Reply
shweta soni
06-Jul-2022 04:56 PM
Badiya 👌
Reply
Seema Priyadarshini sahay
06-Jul-2022 09:57 AM
बहुत खूबसूरत
Reply